जानिए लग्न (Lagna) या लग्न राशि (Lagna rashi) :- वैदिक ज्योतिष के अनुसार

लग्न आपके शरीर, स्वयं आपको दर्शाती है आपके जीवन की भविष्यावाणी आपके लग्न से होती है। व्यक्ति अपनी प्रेरणा, आंतरिक भावना, और महत्वपूर्ण विशेषताओं की गहरी समझ अपने लग्न से प्राप्त कर सकते है। यदि आपको अपना लग्न या लग्न राशि पता करनी है तो आपको अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व् जन्म स्थान पता होने चाइए। लग्न से व्यक्ति के चरित्र, रंग रूप, चेहरे की बनावट, व्यक्तित्व तथा प्रभाव का पता चलता है जन्म कुण्डली में 12 भाव होते है। इन 12 भावों में से प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। इसका निर्धारण जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में उदित होने वाली राशि के आधार पर किया जाता है। इनमें से चार प्रमुख भाव होते हैं, प्रथम भाव- लग्न ,चतुर्थ- सुख, सप्तम- स्त्री और दशम्- व्यापार। कुंडली का प्रथम भाव लग्न होता है जो व्यक्ति के व्यवहार को तय करता है।






लग्न (lagna) को ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है लग्न राशि (lagna rashi) को जन्म राशी और सूर्य राशी से भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। व्यक्ति के जीवन की भविष्यवाणी उसके लग्न या लग्न राशि को ध्यान में रखकर की जाती है। इसी प्रकार जातक का जन्म जिस नक्षत्र में होता है वह उसका जन्म नक्षत्र कहलाता है। दो व्यक्तियो की एक ही चंद्र राशि हो सकती है लेकिन यह आवश्यक नहीं है की उनका लग्न या लग्न राशि भी एक ही हो इसी तरह उनके प सूर्य राशि और चंद्र राशि एक हो सकती है लेकिन लग्न भिन्न हो सकता है। लग्न व्यक्ति की काबिलीयत और सफलताओ के बारे में बता सकता है। व्यक्ति का लग्न जिस ग्रह से प्रभावित होता है उस ग्रह का व्यक्ति के स्वभाव मर गहरा असर डालता है । जैसे: लोकप्रियता और सफलता के लिए सूर्य, सहायक प्रकृति के लिए चंद्रमा, ऊर्जा के लिए मंगल, ज्ञान के लिए बृहस्पति, ईमानदारी और अलगाव के लिए शनि, बुध्दि के लिए बुध और परिष्कार के लिए शुक्र।

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मेरे भविष्य का सामना करने के लिए यह महत्वपूर्ण शस्त्रागार है, मैं हमेशा यह जांचता हूँ जाने से पहले

महेश, iit roorkee delhi