धन योग एक शुभ व् प्रभावशाली योग है। कुंडली में धन योग की उपस्थिति का तात्पर्य अकूत धन सम्पदा से नहीं है बल्कि व्यक्ति के जीवन की धन, वैभव और सुख-संपत्ति का एक विशिष्ट वर्णन है। आप यहाँ अपनी जन्मतिथि डालकर अपनी कुंडली में धन योग उपस्थिति जांच सकते है। प्रायः लोग कुंडली में धन योग का विश्लेषण प्राप्त करना चाहते है। किसी व्यक्ति को धन आगमन संबंधित कई स्तोत्र जल्दी व् कम मेहनत से प्राप्त होते है व् कुछ जातक जीवन में धन अर्जित करने के लिए जूझते रहते है। यही कारण लोगो में कुंडली के धन योग जानने की उत्सुकता को बल मिलता है। ज्योतिष में धन योग देखने के पांच भाव है। प्रथम भाव जो की हमारा लग्न होता है, दूसरा भाव धन भाव होता है,ग्यारहवां भाव धन लाभ का भाव है, पांचवा व् नवा भाव इन पांच भावो को कुंडली के धन योग विश्लेषण में देखा जाता है प्रथम भाव जो स्वयं हमें प्रदर्शित करता है व् यदि हमारे लग्न की स्थिति अच्छी नहीं है तो धन योग कुंडली में कितना भी मजबूत हो परन्तु अपना प्रभाव कम ही प्रदान करता है।
धन योग को कुंडली में देखने के लिए प्रायः दूसरा व् ग्यारहवा भाव महत्वपूर्ण माने गए है। कुंडली का दूसरा भाव जोकि धन भाव होता है इस भाव से आपके द्वारा इकठ्ठा किया धन, प्रॉपर्टी, पुस्तैनी जायजात आदि का विश्लेषण किया जाता है जबकि ग्यारवा भाव लाभ स्थान है चाहे वह किसी भी प्रकार से कमाया गया है। आइये कुंडली में धन भाव जानने के कुछ नियम देखते है जैसा की आपको ज्ञात है सबसे पहले कुंडली का दूसरा व् ग्यारवा भाव के स्वामी ग्रहो को देखा जाता है। यदि २ व् ११ भाव के स्वामी ग्रह एक साथ कुंडली के केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हो यह एक प्रबल धन योग बनाता है इसी प्रकार २ व् ११ भावो के स्वामी ग्रहो का राशि परिवर्तन या दृष्टि सम्बन्ध भी धन योग बनता है। एक कुंडली में एक से अधिक धन योग बन सकते है। धन योग आपके जीवन में कब फलित होगा या कितना प्रभावशाली होगा इस सम्बन्ध में कई मत है जैसे धन योग बनाने वाले ग्रहो की दशा व् एक दूसरे से डिग्री की कितनी है यह भी देखना आवश्यक है। परन्तु धन योग की स्थिति को देखने से पहले व्यक्ति के लग्न व् चन्द्रमा ग्रह का आकलन जरूर करना चाहिए क्योकि यह स्वयं व्यक्ति को दर्शाता है यदि व्यक्ति की कुंडली में लग्न या चन्द्रमा की स्थिति अच्छी नहीं है तो कितना भी प्रभावशाली धन योग क्यों न हो फलित नहीं होगा। आप यहाँ धन योग कैलकुलेटर से इसका आकलन कुछ ही क्षण में कर पाएंगे।
धन योग के लिए कुंडली के अन्य सहायक भाव पांचवा व् नवा भाव भी देख लेना है क्योकि पांचवा स्थान आकस्मिक धन प्राप्ति व् नवा भाव आपका लक्ष्मी भाव कहलाता है जो आपके भाग्य को प्रदर्शित करता है। पाचवे व् नवा भाव का मजबूत होना व् धन भाव से सम्बन्ध होने पर भी धन योग बन जाता है। धन योग का जीवन में पूर्ण लाभ उठाने के लिए आपका ब्रह्स्पति ग्रह का शुभ व् मजबूत होना भी आवश्यक है। धन योग आपको जीवन में सफलता प्रदान करने में सहायक होता है व्यक्ति का करियर व् जीवन यापन उच्च स्तर का होता है या फिर धन योग एक्टिव होने पर वह सफतलाओ को प्राप्त करता है। यदि देखा जाये तो कुंडली में धन योग होना हमें सुख समृद्धि, यश देता है और हमे जीवन को आसान व् सुखी कर देता है।
धन योग आपको धन संपन्न बनाता है व् जीवन की इच्छापूर्ति करता है। यह योग आपके जीवन में धन आगमन के कई रास्ते खोल देता है आपकी कुंडली में कई धन योग बनते रहते है। धन योग आपके जीवन में धन देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद स्वरूप है जो जीवन में धन के आगमन को बनाये रखता है। धन योग होने पर आपके पास आपके पुरखो से अधिक धन होने की सम्भावना बढ़ जाती है आपकी मेहनत का आपको सुखदायी परिणाम मिलता है आप अपने भाग्य व् पत्नी के भाग्य के से भी पैसा कमाते है। आप अनेको तरीको से धन कमाने में निपुण होंगे आपको पूर्वजो की धन सम्पदा का लाभ प्राप्त होता है।
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