जानिए बालक या बालिका का जन्म के समय के साथ नाम :- वैदिक ज्योतिष के अनुसार

स्वर सिद्धांत पर आधारित आपके बच्चे का नामकरण बच्चे के विकास और विकास में सकारात्मक परिणाम दे सकता है।






बच्चो का नाम सोच-विचार कर रखे। नाम हमेशा अर्थपूर्ण, आकर्षक व् बोलने में आसान होना चाइए। हम नाम से ही समाज में पहचाने जाते है नाम का उच्चारण सदैव शुभ होना चाहिए। बच्चे का नामकरण जन्म समय के अनुसार नक्षत्र के आधार पर किया जाता है। प्रत्येक नक्षत्र या राशि में विशिष्ट स्वर होते हैं इस जन्माक्षर से बच्चे का नाम रखना शुभ माना जाता है। शिशु के नामकरण के लिए जन्म नक्षत्र व् उसका चरण ज्ञात होना आवश्यक है। एक नक्षत्र में ४ चरण होते है प्रत्येक नक्षत्र चरण से विशेष स्वर जुड़े होते है इन्ही स्वरों पर आधारित बच्चे का जन्म नाम अक्षर निर्धारित किया जाता है। नाम का व्यक्ति के व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव होता है अतः नाम सार्थक व् अच्छे गुणों को प्रेरित करने वाला रखना चाहिए जिससे बच्चे के नाम का शुभ असर उसके भविष्य व् सव्भाव में प्रकट हो। लड़को का नाम में शब्दो की संख्या विषम व् लड़कियों के नाम में सम होनी चाइये।

कुंडली के अनुसार नाम रखने से बच्चो के भाग्य को उनके अच्छे ग्रहो व् नक्षत्रो का सहयोग मिलता है जो शिशु को सौभाग्यशाली बनाता है। आजकल माता-पिता बच्चे के पैदा होने से पूर्व ही कोई नाम सोचकर रखते है व् बालक या बालिका को उसी नाम से पुकारते है जोकि शास्त्र संगत नहीं है। हमे जिस नाम से बार-बार पुकारा जाता है वह हमारी मनोस्थिति पर प्रभाव रखता है। जन्म राशि व्यक्ति के मन को दर्शाती है अतः नामकरण में जन्म राशि को प्राथमिकता दी जाती है। कुछ ज्योतिषाचार्यो के मतानुसार बच्चे का जन्म राशि नाम और नाम राशि भिन्न होनी चाहिए। परन्तु व्यावहारिक नाम भी जन्म राशि को ध्यान में रखकर ही रहना उचित होता है जिससे कुंडली के शुभ ग्रह, नक्षत्रो का अच्छा फल बच्चे के भविष्य में मिले।

ऑनलाइन नामकरण

बच्चे के पैदा होने के पश्चात माता-पिता के लिए नवजात शिशु का नाम व् कुंडली निकाले जाने का त्वरित साधन ऑनलाइन है। यह नामकरण कैलकुलेटर आपको ज्योतिष विश्लेषण कर सटीक जन्माक्षर स्वर प्रदान करने में पूर्णतया समर्थ है। जब एक बच्चा जन्म लेता है तो उस समय सौर मंडल की ज्यामितीय स्थिति पर गौर कर बच्चे के नाम के लिए उपयुक्त स्वर या ध्वनि का पता लगता है। यदि आप आज जन्मे बच्चे का ऑनलाइन नामकरण करने आये है तो यहाँ उसकी जन्म तिथि व् स्थान डालकर तुरंत प्राप्त कर सकते है। जन्म कुंडली के ग्रहो की स्थिति का बच्चे के जीवन व् गुणों पर प्रभाव रहता है। नवजात बच्चे के जन्म लग्न, नक्षत्र, कुंडली के ग्रहो का सम्पूर्ण विश्लेषण करके ही नामकरण करना चाइये। कुछ ज्योतिषाचार्यो का यह मत है की यदि कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति कमजोर है तो नाम जन्म राशि से न रखकर केंद्र या त्रिकोण के मजबूत भाव से सम्बंधित अक्षर के अनुसार रखना चाहिए व् कुंडली के मारक भाव के अक्षर से नाम कदापि न रखे।

नामकरण कैसे होता है

नामकरण करने की विधि को नामकरण संस्कार कहते है सनातन धर्म में १६ संस्कार होते है जिनमे नामकरण संस्कार का अत्यधिक महत्व है। संस्कार मतलब शुद्ध होता है। नामकरण संस्कार से शिशु चिरायु होता है। बच्चे के जन्म से ११वे दिन नामकरण संस्कार किया जाता है। यदि किसी कारणवश ११वे दिन नामकरण संस्कार नहीं हो तो शुभ मुहूर्त देखकर ही नामकरण करना चाहिए। नामकरण संस्कार की शुभ तिथि दशमी, द्वादशी व् एकादशी मानी गयी है। घर व् पूजा स्थल को धोकर शुद्ध करे तत्प्श्चात स्नान आदि कर स्वच्छ होकर माता दाये व् पिता वाये पूजा स्थल में बैठें।

शास्त्रों में वर्णित नामकरण संस्कार विधि में बच्चे के कमर में मेखला बाँधी जाती है। मेखला बंधन का उद्देश्य नवजात को स्फूर्ति व् जाग्रति प्रदान करना है। जिससे शिशु अपने जीवन में आलस्य न करे। इसके पश्चात बच्चे को चांदी के चम्मच से शहद चटाकर उसमे निरोगी काया व् मीठी वाणी की कामना की जाती है जिसे मधु प्राशन कहते है। बच्चे को माँ बाहर जाकर सूर्य दर्शन कराती है जिससे सूर्य की भाँति तेज गुण बच्चे में समाहित हो। फिर पंडितजी भूमि पूजन कर बच्चे को भूमि पर लिटा देते है व् धरती की तरह ही सहनशीलता का गुण उसके जीवन में आये। उपरोक्त प्रकिया हो जाने पर ज्योतिषाचार्य नाम की घोषणा करते है व् घर के सभी लोग अभयमुद्रा बनाकर बच्चे के नाम का उच्चारण करते है। किसी बड़े बुजुर्ग द्वारा बच्चे के कान में बाल प्रबोधन किया जाता है और सभी सदस्य नवजात शिशु को खड़े होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते है। इस प्रकार नामकरण संस्कार किया जाता है।

जन्म नाम निकालना

वैदिक ज्योतिष में जन्म समय के आधार पर नामकरण किया जाता है। जन्म समय पर चँद्रमा जिस राशि में विराजमान होते है वह बच्चे की जन्म राशि होती है। परन्तु केवल राशि ज्ञात होने से सटीक नाम पता नहीं किया जा सकता है अतः चँद्रमा का नक्षत्र व् चरण निकालकर १०८ स्वर समूह में से बच्चे का सही नामाक्षर प्राप्त किया जाता है। यदि आपको सही जन्म विवरण ज्ञात है तो यहाँ आपको कुछ ही क्षणों में नवजात बच्चे की ज्योतिषीय गणना प्राप्त हो जाएगी।

हमारे उपयोगकर्ता क्या कहते हैं

हमारे पास उपयोगकर्ताओं का बड़ा समुदाय है हमने कुछ टिप्पणियां चुनी हैं आप हमारी कॉन्टैक्ट पर अपनी टिप्पणी भी भेज सकते हैं हम आपकी उपयोगी टिप्पणी यहां शामिल कर सकते हैं

Testimonial

मेरे भविष्य का सामना करने के लिए यह महत्वपूर्ण शस्त्रागार है, मैं हमेशा यह जांचता हूँ जाने से पहले

महेश, iit roorkee delhi