कुंडली मिलान या गुण मिलान के आधार पर शादी की अनुकूलता के विषय में ज्ञात होता है। कुंडली मिलान को अष्ट कूटा मिलान के नाम से भी जाना जाता है। आप यहाँ कुंडली मिलान हिंदी (kundali matching in hindi) में प्राप्त कर सकते है। ज्योतिष में कुंडली मिलान के बिना शादी नहीं होती है। वर वधु की जन्म तिथि से कुंडली मिलान में उचित अंक प्राप्त होने पर ही शादी को शुभ मानते है अन्यथा शादी नहीं बनती है।
ज्योतिष शास्त्र में आठ गुणों को विभिन्न अंक दिए गए है वर वधु की कुंडली में मिलान करने पर 36 अंक सर्वश्रेठ होता है। यदि गुण मिलान में 18 या कम गुण मिलते है तो यह कुंडली मिलान नहीं होता है।
वर वधु का कुंडली मिलान करे
कुंडली मिलान करने पर केवल गुणों के अंको से विवाह सम्बन्धी आंकलन करना सही नहीं है। वैदिक ज्योतिष में कुंडली मिलान करते समय सभी अष्ट कूटा का भी विश्लेषण (analysis) करना चाहिए। इन सभी अष्ट कूटो में नाड़ी कूटा और भकूट कूटा दो महत्वपूर्ण गुण मिलान है। वर-वधु की कुंडली मिलान में नाड़ी दोष होने पर उनकी आयु व् स्वास्थय सम्बन्धी समस्या होती है इसी प्रकार भकूट दोष विवाह के बाद वर-वधु के जीवन में अन्य वाली आर्थिक समस्या का कारक होता है। इसलिए गुण मिलान के अंको की संख्या पर विवाह नहीं करना चाहिए कुंडली मिलान में वर वधु की कुंडली में मंगल दोष भी देखना चाहिए। आप यहाँ फ्री में कुंडली मिलान सभी तर्कों के ध्यान में रखकर करवा सकते है।
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