प्रदोष काल एक पवित्र पहर होता है जिसमे भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है। प्रत्येक दिन के पांचवे पहर को प्रदोष काल कहते है। आप यहाँ प्रदोष काल कैलकुलेटर की सहायता से अपने स्थान का सही समय आसानी से ज्ञात कर सकते है केवल दिन व् स्थान डालकर आइये और जानते है प्रदोष काल के बारे में विस्तार से सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के चार पहर होते है अतः इसी प्रकार एक पूर्ण दिन में आठ पहर होते है क्योकि प्रत्येक जगह के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भिन्न होता है। इसी प्रकार प्रदोष काल पहर में भी भिन्नता हो सकती है। आप यहाँ अपने स्थान का सही प्रदोष काल समय ज्ञात कर सकते है। प्रदोष काल मे सुषुम्ना नाडी कुछ खुल जाती है अतः इस काल में साधना ध्यान कर सुषुम्ना मे प्राण प्रवाहित करना आसान होता है। प्रदोष तिथि और प्रदोष काल में अंतर होता है। प्रदोष तिथी का अर्थ है हर महिने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथी इसे ही प्रदोष दिन माना जाता है और प्रदोष व्रत रखा जाता है। जबकि प्रदोष काल हर रात्रि के पहले पहर को कहते है। कहा जाता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न होते है व् सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। किसी भी तारीख व् स्थान का प्रदोष काल जाने।
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